पोकरण। सीमावर्ती व पिछड़े जिलों में देखा
जाता है कि लड़कियों को उच्च अध्ययन नहीं
करवाया जाता है जिसमें जैसलमेंर का नाम
भी काफी चर्चित है। बालिकाओं के बड़े
होने पर उन्हें घर के कामकाज में उलझा दिया
जाता है या शादी कर सुसराल भेजा जाता
है। पोकरण क्षेत्र के चाचा गांव हाल
स्थानीय निवासी एक युवती अपने सिर पर
बड़ी जिम्मेदारी होने के बावजूद निरंतर
अध्ययन कर आमजन को बालिका शिक्षा के
प्रति जागरुक कर रही है।जिसकी बात कर रहे
वो है राजस्थान की सबसे छोटी प्रधान
सुश्री अमतुल्लाह मेंहर जो जैसलमेंर जिले की
पंचायत समिति सांकडा प्रधान पद पर सेवाओं
दे रही वहीं साथ -साथ निरंतर पढाई भी कर
रही दोनों कार्य साथ करना काबिल ए
तारीफ हैं। पोकरण के चाचा गांव हाल कस्बे
के वार्ड संख्या एक निवासी रिटायर्ड कैप्टन
मौलवी रहमतुल्ला मेंहर की पुत्री पंचायत
समिति सांकड़ा की प्रधान अमतुल्लाह मेहर
एक बड़े पद पर होने के बावजूद भी अपनी पढाई
कर रही है। हर कोई इन्हें परीक्षा देता देख,
शिक्षा के प्रति जागरुक हो रहा है। गौरतलब
है कि प्रधान मेंहर स्नातकोत्तर पूर्वार्ध की
परीक्षा दे रही है। गुरुवार को उन्होंने अपने
परीक्षा केन्द्र राजकीय महाविद्यालय
पोकरण में अंग्रेजी साहित्य की परीक्षा दी।
वर्तमान में प्रधान अमतुल्लाह मेंहर को प्रदेश के
युवा कांग्रेस सचिव पद का जिम्मा सौंपा
हुआ है।
जगा रही शिक्षा की अलख
प्रधान अमतुल्लाह मेंहर आम दिनों में समिति
कार्यालय आकर कामकाज देखती है। इसके
बाद घर के कामों में भी हाथ बटाती है।
रात्रि के समय अथवा अलसुबह उठकर वह अपना
अध्ययन करती है। इसके अलावा जब वह
ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे पर होती है, तो
विद्यालयों में जाकर बच्चों की कक्षाएं भी
लेती है ये सबसे बड़ी अच्छी रूचि जिसकी
आमजन तारीफ करते हैं और बालिकाओं का
हौंसला अफजाई करवाती हैं । विधार्थियों
से सवाल जवाब कर शिक्षा, विशेष रूप से
बालिका शिक्षा पर बल देते हुए आमजन में
शिक्षा की अलख जगा रही है। राजस्थान में
हुए चुनावों में जैसलमेंर जिले की पंचायत
समिति सांकडा की प्रधान पद पर कांग्रेस
पार्टी ने सभी ब्लॉकों से मेंबर विजयी होकर
पहुंचे तो पार्टी ने सबसे अच्छा निर्णय लेेते हुए
बालिका शिक्षा को बढ़ावा और हौंसला
बुलंद करवाने के लिए सुश्री अमतुल्लाह मेंहर
को पंचायत समिति सांकडा प्रधान पद की
प्रत्याशी घोषित की और विजयी होकर शुभ
मुहूर्त में प्रधान पद का कार्यभार संभाला।
उच्च शिक्षा का प्रत्येक बैठक, सभा,
समारोह में झलकता ही जाता है। प्रधान का
सम्बोधन शुरू होने के थोड़ी देर बाद ही
अग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल कर सभी लोगों
को सोचने को मजबूर कर ही देता है क्योंकि
वह लगातार शिक्षण कार्य कर रही है उसका
फल हैं निडर, बेखौफ, जनता को सम्बोधित
करना। प्रधान अमतुल्लाह मेंहर के हौसलें को
देखने से बालिकाओं के परिजनों को जरूर
शिक्षा मिलती है क्योंकि कई सीमावर्ती
इलाकों में बालिका शिक्षा पर कम जोर
दिया जाता हैं। बालिकाओं के परिजन
अपनी बालिकाओं को लगातार मेहनत
करवाने की जरूर सीख मिलेगी।
मेरदीन कलर मारवाड़ टाईम्स के लिए
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